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बहराइच : आईआईटी गांधीनगर में सीखेंगे बच्चों को पढाने का मन्त्र, शिक्षिका अर्चना पांडेय का हुआ चयन, विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी शिक्षिका

बहराइच : आईआईटी गांधीनगर में सीखेंगे बच्चों को पढाने का मन्त्र, शिक्षिका अर्चना पांडेय का हुआ चयन, विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी शिक्षिका

के.के.मिश्रा न्यूज टुडे यूपी डाट काम

 

बहराइच : प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों की विज्ञान विषय की पढ़ाई रोचक ढंग से हो, इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग से चुनिंदा शिक्षकों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर गुजरात भेजा जा रहा है। जहां पर विशेषज्ञों द्वारा स्कूल में विज्ञान को दिलचस्प तरीके से तथा खेल-खेल में पढाना सिखाया जायेगा। बहराइच जिले से जरवल विकास खण्ड के उच्च प्राथमिक विद्यालय भौली में कार्यरत सहायक शिक्षिका अर्चना पांडेय को इस प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। प्रशिक्षण पूरा करने के उपरांत शिक्षिका को डायट पर मास्टर ट्रेनर के तौर पर अन्य शिक्षको को प्रशिक्षित करना होगा।

ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को कक्षा में ज्यादातर विज्ञान व गणित जैसे कठिन विषयों को समझने में कठिनाई होती है, वहीं खेल व जिज्ञासा समाधान द्वारा छात्रों में इसकी समझ विकसित होने पर यही फिर बेहद आसान व रुचिकर हो जाता हैं। महानिदेशक स्कूली शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा निदेशक राज्य विज्ञान शिक्षा संस्थान, प्रयागराज से प्रदेश के प्रत्येक जनपद से इसके लिए मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण पूरा कराये जाने का निर्देश मिला, जिसके अनुपालन में शिक्षको द्वारा ईमेल से भेजे गए कक्षा शिक्षण वीडियोज के आधार पर प्रशिक्षण हेतु अंतिम रूप से चयन किया गया। अब निर्धारित समयावधि में शिक्षक वहां गांधीनगर स्थित संस्थान में विकसित उन्नत ‘क्यूरॉसिटी लैब’ में विज्ञान को दिलचस्प तरीके से पढ़ाने के तरीके सीख कर आएंगे। वहीं प्रशिक्षण के बाद प्रत्येक स्कूलों को एक क्यूरॉसिटी बाक्स भी देने की योजना है, जिससे स्कूल में बच्चे खेल-खेल में विज्ञान सीख सकें। इससे पहले पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में भी यह कार्यक्रम लागू किय जा चुका है, जिसके सकारात्मक रहे हैं।

 

क्या कहते बीएसए अजय कुमार

 

शिक्षक हो सकेंगे विषय में दक्ष- सेंटर फॉर क्रिएटिव लर्निंग प्रोग्राम के तहत आईआईटी गांधीनगर द्वारा प्रशिक्षित होने के बाद जिले में प्रत्येक स्कूल के विज्ञान शिक्षकों को यह प्रशिक्षण कराया जाएगा, जिससे शिक्षक अपने विषय में दक्ष हो सकें। इसका सीधा लाभ छात्र-छात्राओं को मिलेगा।

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