बहराइच : पूरी तरह से आश्वस्त होने पर ही रूकेगा सर्च अभियान-डीएफओ आकाशदीप बधावन
बहराइच : पूरी तरह से आश्वस्त होने पर ही रूकेगा सर्च अभियान-डीएफओ आकाशदीप बधावन
के.के.मिश्रा बहराइच
बहराइच 30 जून। प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट आकाशदीप बधावन ने बताया कि दुधवा टागइर रिजर्व अन्तर्गत कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग एवं बफर जोन प्रभाग की सीमा पर स्थित खैरटिया गांव में 17 लून 2022 की रात्रि में हुई जनहानि की घटना में एक बाघ/बाघिन द्वारा बाबा कुटिया, खैरटिया के पास मोहन दास नामक एक व्यक्ति को मार दिया गया था एवं उनके शरीर के भाग को लगभग पूर्णतया खा लिया गया था।
डीएफओ श्री बधावन ने बताया कि उक्त घटना के पश्चात् तत्काल प्रश्नगत् बाघ/बाघिन को पकड़ने का अभियान चलाते हुए 18 जून को ही हाथियों के माध्यम से निगरानी आरम्भ कर दी गयी तथा 19 जून से पशुचिकित्सकों के दो दल तैनात किए गए जिनके साथ दो जीव विज्ञानी, वन कर्मियों, महावतों, एस.टी.पी.एफ. जवानों की ड्यूटी भी लगाई गई। साथ ही ग्रामवासियों को लगातार सतर्क रहने व आवश्यक सावधानियां बरतने हेतु जागरूक किये जाने के साथ-साथ संवेदनशील क्षेत्रों में नज़र रखने के लिए लगभग तीन दर्जन कैमरा ट्रैप लगाकर बाघ/बाघिन के मूवमेन्ट पर नज़र रखते हुए सम्भावित आवागमन स्थलों मे से कतिपय चिन्हित स्थलों पर 5 पिंजड़े लगाए गए, जिनका समय-समय पर आवश्यकतानुसार स्थान परिवर्तन भी किया जाता रहा। डीएफओ श्री बधावन ने सर्च टाईगर अभियान में हाथियों व पशुचिकित्सकों की संख्या को बढ़ाकर 04 कर दिया गया साथ ही चार रेन्ज के वन कर्मी भी मिशन मोड में अभियान के साथ जुड़ कर अपना योगदान दे रहे हैं। इसके अलावा सर्च आपरेशन में गैर सरकारी संगठनों विश्व प्रकृति निधि-भारत व डब्लू.टी.आई. का सहयोग भी लिया जा रहा है।
डीएफओ ने बताया कि इसी मध्य दो अन्य घटनायें और घटित हुई, जिनमें एक किशोर व एक महिला की क्रमशः 23 जून व 27 जून को मृत्यु हो गई। जबकि 28 जून 2022 को प्रातःकाल 03 बजे पहली सफलता मिली जब एक बाघ पिंजड़े में कैद हो गया। प्रश्नगत् बाघ पूरी तरह स्वस्थ पाया गया, उसके चारों कैनाइन व नाखून सुरक्षित पाए गए, जिस कारण से इसे संघर्षशील परभक्षी माना जाना उपयुक्त नहीं समझा गया। तदापि इसकी लगातार निगरानी की जा रही है।
श्री बधावन ने बताया कि 29 जून 2022 की रात्रि में पुनः सफलता मिली जब एक बाघिन पिंजड़े में कैद हो गई। परीक्षण में प्रश्नगत् बाघिन के बायी ओर के दोनो कैनाइन आंशिक रूप से टूटे एवं घिसे पाए गए। टाइगर रिजर्व के फोटो व डाटाबेस में उपलब्ध तस्वीरों के विश्लेषण के आधार पर उक्त बाघिन की उम्र 09 वर्ष के आस-पास होनी चाहिए। डीएफओ ने बताया कि प्रश्नगत् बाघिन की स्थिति एवं उम्र के दृष्टिगत् यह माने जाने का पर्याप्त आधार है कि हाल में हुई समस्त घटनाओं हेतु उक्त बाघिन जिम्मेदार है। राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार उक्त बाघिन को चिड़ियाघर में छोड़े जाने हेतु निर्णय उच्च स्तर से लिया जायेगा। अभियान अभी जारी है एवं लगातार कैमरा ट्रैपों के माध्यम से अनुश्रवण किया जाता रहेगा। पूरी तरह से आश्वस्त होने पर ही अभियान पर विराम लगेगा। ग्रामवासियों को जागरूक रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।