बहराइच : अवारा पशुओं से फसलें बचाने की मजबूरी,खेतों में रात गुजारने को मजबूर किसान,प्रदर्शन कर अवारा पशुओं को गौशाला भेजने की मांग
बहराइच : अवारा पशुओं से फसलें बचाने की मजबूरी,खेतों में रात गुजारने को मजबूर किसान,प्रदर्शन कर अवारा पशुओं को गौशाला भेजने की मांग
के.के.मिश्रा न्यूज टुडे यूपी डाट काम
अवारा पशुओं से अपनी फसले बचाने को मजबूर किसान रात रात भर जागकर किसान अपने खेतों की रखवाले करने को मजबूर है।क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में मौजूद अवारा पशुए किसानों की फसलें नष्ट कर रही है,जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। किसानों ने आवारा मवेशियों को गौशाला भेजने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया है।
सोमवार को जरवल विकास खण्ड के सपसा गांव में अवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए समाजसेवी विनय सिंह के नेतृत्व में शिव शंकर, देश राज लोधी, बब्लू गौतम,राम नरेश सिंह,राजिंदर ,संजय वर्मा,रामू,लकपत,राम राज वर्मा,राम सिंह वर्मा, सर्वजीत वर्मा,सोनू,ललित प्रसाद वर्मा सहित दो दर्जन से अधिक किसानों ने प्रदर्शन किया तथा शासन प्रशासन से अवारा जानवरों को गौशाला भेजने की मांग की है।किसानों का कहना है सैकड़ों की संख्या में घूम रहे अवारा पशुए उनकी फसलों को नष्ट कर रहे है,जिससे उसे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसान किसी तरह पैसा इकट्ठा कर अपनी फसलों को लगाता है ,जिसे क्षेत्र के अवारा पशु चट कर जाते हैं।रात रात भर खेतों में जागकर किसान अपनी फसलों की रखवाली करने को मजबूर है।किसानों ने मांग की है कि गांव के अवारा जानवरों को पकडकर गौशाला भेजने का काम प्रशासन करे अन्यथा धरना प्रदर्शन और हाइवे जाम करने के लिए किसान विवश होगें।
पूर्व में ग्रामीणों ने अवारा पशुओं को प्राथमिक विद्यालय में किया था बन्द
4 जुलाई को ग्रामीणों ने आवारा मवेशियों को विद्यालय प्रांगण में इकट्ठा कर बन्द कर दिया था।पुलिस और प्रशासन के लोगों ने पहुंचकर गांव वालों से वार्ता की थी।जरवल बीडीओ एस पी पाण्डेय ने स्कूल में बन्द जानवरों को गाड़ियों से गौशाला भेजने का आश्वासन किसानों को दिया था,लेकिन अवारा पशुओं को गौशाला नही भेजा गया।
प्रधानाध्यापक की तहरीर पर 21 किसानों दर्ज हुआ था मुकदमा
प्रधानाध्यापक की तहरीर पर 21 किसानों के विरुद्ध जरवलरोड पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया था।
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर झूठी रिपोर्ट लगाने का आरोप
किसानों का आरोप है कि हम लोग मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करवाने पर प्रधान और सेक्रेटरी मिलकर छुट्टा जानवर न होने की झूठी रिपोर्ट लगा देते है।