अयोध्या भूमि विवाद, धारा 377फैसलों का हिस्सा रहे DY Chandrachud ने ली नए CJI पद की शपथ और सबरीमाला…कई अहम
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था. इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे और इनकी माता प्रभा शास्त्रीय संगीतज्ञ हैं.
Deprecated: preg_split(): Passing null to parameter #3 ($limit) of type int is deprecated in /home2/rnanewsi/public_html/wp-content/themes/jannah/framework/functions/post-functions.php on line 805

Who Is DY Chandrachud: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने आज (9 नवंबर) मुख्य न्यायाधीश (CJI) पद की शपथ ले ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के 50वें सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ को पद की शपथ दिलाई.
जस्टिस चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के पवित्र गलियारों से बेहद अच्छी तरह वाकिफ हैं, जहां उनके पिता लगभग सात साल और चार महीने तक मुख्य न्यायाधीश रहे थे, जो शीर्ष अदालत के इतिहास में किसी सीजेआई का सबसे लंबा कार्यकाल रहा है. वह 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक मुख्य न्यायाधीश रहे. चलिए अब आपको जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के बारे में कुछ खास बाते बताते हैं.
जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड की शिक्षा
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था. इनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे और इनकी माता प्रभा शास्त्रीय संगीतज्ञ हैं. राष्ट्रीय राजधानी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स करने किया. इसके बाद कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया. फिर अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से एलएलएम और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.
कई अहम पीठों का हिस्सा रहे चंद्रचूड़
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ कई संविधान पीठ और ऐतिहासिक फैसले देने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठों का हिस्सा रहे हैं. इनमें अयोध्या भूमि विवाद, आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, आधार योजना की वैधता से जुड़े मामले, सबरीमला मुद्दा, सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने, भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने जैसे फैसले शामिल हैं.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 29 मार्च 2000 से 31 अक्टूबर 2013 तक बंबई हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे. उसके बाद उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को जून 1998 में बंबई हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया था और वह उसी वर्ष अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किए गए.
‘मेरे ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हैं’
भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि जस्टिस यूयू ललित के उत्तराधिकारी के रूप में उनके कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारियां हैं और उन्हें उम्मीद है कि जो ‘अच्छे काम’ शुरू किए वे उनको जारी रखेंगे. जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट बार जस्टिस यू.यू. ललित के लिए आयोजित विदाई समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 49वें सीजेआई ने उल्लेखनीय नेतृत्व किया और वह अपने कार्यकाल के दौरान न्याय तक पहुंच बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध रहे.
2 साल तक इस पद पर रहेंगे
बता दें, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 तक दो साल के लिए इस पद पर रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 साल की उम्र में अवकाशग्रहण करते हैं. वह जस्टिस उदय उमेश ललित का स्थान लेंगे जिन्होंने 11 अक्टूबर को उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश की थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 17 अक्टूबर को अगला सीजेआई नियुक्त किया था.